YASHPAL SINGH ADVOCATE RAMPUR MANIHARAN
शुक्रवार, 17 जून 2011
शब्द कभी
हर शब्द
कहीं न कहीं
कुछ बोलता है
वह कभी आग
कभी काला धुआँ
कभी धुएँ का
अहसास होता है
आओ, इस शब्द को
जलती आग-सा जिएँ
शब्द कभी कभी
संयोग तो कभी
वियोग
कभी जीवन तो
कभी मरण
कभी
आत्मा तो
कभी
परमात्मा
..........यशपाल सिंह
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