निकला करो इधर से भी होकर कभी कभी
आया करो हमारे भी घर पर कभी कभी
माना कि रूठ जाना यूँ आदत है आप की
लगते मगर है ये अच्छे ये तेवर कभी कभी
साये की है तमन्ना दरख्तो को भी
प्यासा रहा है खुद भी समन्दर कभी कभी
आया करो हमारे भी घर पर कभी कभी
माना कि रूठ जाना यूँ आदत है आप की
लगते मगर है ये अच्छे ये तेवर कभी कभी
साये की है तमन्ना दरख्तो को भी
प्यासा रहा है खुद भी समन्दर कभी कभी
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