अपने - अपने दायित्व
सब अपने - अपने दायित्व निभाने पर तुले हैं,
क ने जान से मारने का दायित्व अपने कंधों पर ले रखा है,
ख भी कहां पीछे हट रहा है अपनी जिम्मेदारी से,
उसमें सारी दुनिया को लूट लेने की प्रतिभा है,
धरती आसमान एक कर देगा अपेक्षित परिणाम पाने में ,
क अपनी तरह से जानता है दुनिया के सत्य को,
जो धरती पर आया है उसे एक न एक दिन जाना होगा,
और जब तक जीवित है,व्यर्थ ही कष्ट उठाना होगा,
क्यों न आज ही दुखों से मुक्त कर दिया जाए।
ख भी जगत का शाश्वत सत्य पहिचानता है,
कोई भी आज तक ले जा सका है ,
दुनिया में जोड़ी हुई संपत्ति,
इसलिए आज ही उसे भगवान के निकट जाने लायक बना दो ,
लगता है दोनों ही समर्पित प्रभु भक्त हैं,
मोक्ष दिलाने के लिए कितने प्रतिबध्द
आओ इन्हें प्रणाम करें ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें