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शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

करवा चौथ के व्रत का मनोवैज्ञानिक प्रभाव

प्रिय्
पाठको ,
जैसा कि आप सभी को मालूम
हैँ ,कि करवा चौथ के व्रत के साथ
ही भारतीय त्यौहारो का मौसम शुरु हो,
चुका है। परमपरा व धार्मिक
मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत
विवाहित महिलाए अपने
पति कि लम्बी आयु के लिए रखती हैँ
स्त्रिया इस कठोर व्रत
तथा पूजा को अपना पति धर्म
समझती हैँ। लेकिन इस व्रत के पीछे कई
मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभा व भी है।
जैसा कि जब पत्नि व्रत रखती है
तो पति को अपनी पत्नि के यह कठोर व्रत
( जिसमेँ पानी भी नहीँ पिया जाता)
रखने के कारण यह मानसिक आभास होता है
कि उसकी पत्नि कोई भी विपत्ति आने पर
उसकी ढाल बनकर रक्षा करेगी तथा बुरे
वक्त मेँ उसका साथ देगी। यह सब सोचने
के कारण पति के मन मेँ अपनी पत्नि के
प्रति सच्चा प्रेम व विश्वास जाग्रत
होता है। साथ ही पति का सच्चा प्यार
पाकर पत्नि का व्यहार कोमल
हो जाता है। वह पति तथा सास -ससुर
को आदर देती है। पूजा तथा व्रत
मनुष्य के आत्मविश्वाश
को बढा देता है। आत्मविश्वाश बढने से
कार्य क्षमता मेँ वृध्दि होती है।
प्यार और स्नेह बढने से परिवार मेँ
खुशहाली आती जिससे खुशहाल देश के
निमार्ण मेँ सहयोग मिलता हैँ। तो ऐसे
सिध्द होता हैँ ।इस कठोर व्रत
का वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक तथ्य
व प्रभाव। .........YASHPAL SINGH
ADVOCATE FROM - RAMPUR
MANIHARAN(SAHARANPUR) U.P.
Email:
yashpalsingh5555@gmail.com
मो 0 न0 9758087475

शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010

करवा चौथ के व्रत का मनोवैज्ञानिक प्रभाव

प्रिय्
पाठको,
जैसा कि आप सभी को मालूम हैँ,कि करवा चौथ के व्रत के साथ ही भारतीय त्यौहारो का मौसम शुरु हो, चुका है। परमपरा व धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाए अपने पति कि लम्बी आयु के लिए रखती हैँ स्त्रिया इस कठोर व्रत तथा पूजा को अपना पति धर्म समझती हैँ। लेकिन इस व्रत के पीछे कई मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभा व भी है। जैसा कि जब पत्नि व्रत रखती है तो पति को अपनी पत्नि के यह कठोर व्रत(जिसमेँ पानी भी नहीँ पिया जाता) रखने के कारण यह मानसिक आभास होता है कि उसकी पत्नि कोई भी विपत्ति आने पर उसकी ढाल बनकर रक्षा करेगी तथा बुरे वक्त मेँ उसका साथ देगी। यह सब सोचने के कारण पति के मन मेँ अपनी पत्नि के प्रति सच्चा प्रेम व विश्वास जाग्रत होता है। साथ ही पति का सच्चा प्यार पाकर पत्नि का व्यहार कोमल हो जाता है। वह पति तथा सास-ससुर को आदर देती है। पूजा तथा व्रत मनुष्य के आत्मविश्वाश को बढा देता है। आत्मविश्वाश बढने से कार्य क्षमता मेँ वृध्दि होती है। प्यार और स्नेह बढने से परिवार मेँ खुशहाली आती जिससे खुशहाल देश के निमार्ण मेँ सहयोग मिलता हैँ। तो ऐसे सिध्द होता हैँ ।इस कठोर व्रत का वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभाव।.........YASHPAL SINGH ADVOCATE FROM - RAMPUR MANIHARAN(SAHARANPUR) U.P. Email: yashpalsingh5555@gmail.com मो0 न0 9758087475

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

U.P. मेँ हो हुए जिला पँचायत सदस्य, बी0डी0सी0 व ग्राम प्रधान पद के लिए आपके द्वारा चुना गया प्रत्याशी कैसा होना चाहिए था

ईमानदार व शिक्षित हो।
और हो वह सदाचारी ।
पद की निभा सके जो जिम्मेदारी।
पुरुष हो चाहे हो नारी ।।
वह हो अल्पाहारी अर्थात
वह कम हो भ्रष्टाचारी ।
जनता का वह सेवक हो ।
दुखियो का वह हो हितैषी।
जाग्रत हो , विकास पुरुष हो
सबका मान रखने वाला हो
बुर्जुगो की करता हो सेवा ।
जो विकास कार्यो के रुपयो को
ना समझे अपने बाप का।
और अधिकारियो से काम ,
निकलवा सके आपका ।
बस ऐसे ही प्रत्याशी को।
आप अपना कीमती मत देना ।
और इस चुनाव मेँ उसका ,
विजय प्रचम लहरा देना ।
................YASHPAL SINGH ADVOCATE
RAMPUR MANIHARAN (DUGCHARA)
SAHARANPUR
U.P. INDIA
Email:
yashpaladvocate5555@gmail.com

रविवार, 17 अक्तूबर 2010

बुराई पर अच्छाई की विजय दशहरा

प्रिय,

पठको जैसा कि आप सभी को मालूम है, कि दशहरे का त्यौहार बुराई पर अच्छाई कि विजय का प्रतीक है। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का अन्त किया था । रावण दहन के साथ ही बुराईयो तथा अँहकार का अन्त हो जाता है।
आज के दिन हमेँ भी यह शपथ लेनी चाहिए कि हम अपने मन से अँहकार तथा बुराईयो को त्याग देँ। तथा एक ऐसे नये सुखद व आशावादी जीवन कि सुरुआत करेँ, जो दया, अहिँसा, करुणा तथा सत्य व परोकार से परिपुर्ण हो।

रविवार, 3 अक्तूबर 2010

शान्ति वयव्स्था बनाये रखने के लिए धन्यवाद

प्रिय,
साथियो आप सभी हिन्दु-मुस्लिम भाईयो ने अयोध्या मामले पर मान्य हाईर्कोट के फैसले का आदर कर उसे मन से स्वीकार कर देश मे शान्ति वयव्स्था बनाये रखी। इसलिए आप धन्यवाद के पात्र हैँ। और मुझे पूर्ण विश्वाश हैँ कि आप जरुरत पडने पर भविष्य मेँ भी देश के विकास मेँ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते रहेगे.........YASHPAL SINGH ADVOCATE RAMPUR MANIHARAN