नही भूला मैं, बरसात का वह दिन
वो तुम्हारा, और मेरा,
अकेले में मिलना
बरवक्त बरसात का
आ जाना,
वो बारिस में भीगना,
वो प्यार भरी
प्यारी बाते
तुम्हारा पास आना वो
तुम्हारा,भीगा बदन
गर्म सासों ,
की गर्माहट ,मुझसे
गर्म सासों का टकराना
भीगा बदन का छु जाना
बिजली का चमकना ,
बादल की की तेज आवाज
से डर कर मुझ से लिपट जाना
...................यशपाल सिंह
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