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शनिवार, 25 जून 2011

नही भूला मैं, बरसात का वह दिन


नही भूला  मैं, बरसात का वह  दिन
वो तुम्हारा, और मेरा,
अकेले  में मिलना
बरवक्त  बरसात  का 
आ जाना,
वो बारिस में भीगना,
वो प्यार भरी  
 प्यारी बाते
तुम्हारा पास आना वो 
तुम्हारा,भीगा बदन 
 गर्म सासों ,
की गर्माहट ,मुझसे 
 गर्म सासों का टकराना  
भीगा बदन का छु जाना 
बिजली का चमकना ,
बादल की की तेज आवाज 
से डर कर मुझ से लिपट जाना 
...................यशपाल सिंह 

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