समझते है वो के
पत्थर है हम।
उनको ठोकर मार जायेगे हम।
वो एक बार कह दे नफरत है हम से,
खुदा कसम पत्थर तो क्या फूल बनकर,
भी राह में नहीं आयेगे हम।
ज़िन्दगी में बहुत बार वक़्त
ऐसा आयेगा जब
तुमको चाहने वाला ही तुमको रुलाएगा
पर विश्वाश रखना उस पर
अकेले में वो तुमसे कही
ज्यादा आंसू
बहाएगा ...
ना पूछ के मेरे सबर की इन्तहा कहा तक
है।
तू सितम करके देख तेरी ताकत जहा तक है
वफ़ा की उम्मीद उन्हें होगी पर
मुझे देखना है के तू बेवफा कहा तक
है ..
कुछ लोग सितम करने को तैयार बैठे है।
कुछ लोग हम पैर दिल हार बैठे है।
इश्क को आग का दरिया ही समझ लीजिये।
कुछ इस पर कुछ उस पर बैठे है ..
वो हम को पत्थर और खुद को फूल कह कर
मुस्कुराया करते है।
उन्हें क्या पता पत्थर तो पत्थर
ही रहते है फूल ही मुरझाया करते है ..
कुछ खोने का गम ही डर की वजह बनता है।
इसलिए आओ तमाम
गमो को अपनी खुशियों मे बदले
और साबित कर दे की
डर के आगे जीत है ..
बिता लेंगे तेरे इंतजार मे ज़िन्दगी
तू एक बार आने का वादा तो कर
हम बना लेंगे अपने हाथो से कबर अपनी
तू चिराग जलाने
का वादा तो कर नवम्बर 2
सोमवार, 15 नवंबर 2010
गुरुवार, 11 नवंबर 2010
अब लिखने को क्या बाकि है
अब क्या लिखें हम कागज़ पर, अब लिखने
को क्या बाकी है !!
इक दिल था सो वो टूट गया, अब टूटने
को क्या बाकी है !!
इक शक्स को हम ने चाहा था, इक रेत पे
नक्शा बनाया था !!
वो रेत तो हवा बिखरे चुकी, वो नक्शा
कहाँ अब बाकी है !!
जो सपने हमने देखे थे काग़ज़ पर सारे
लिख डाले हैँ !!
वो सारे काग़ज़ फिर हम ने दरिया के
हवाले कर डाले है !!
वो सारे ख्वाब बहा डाले, वो सारे नक्श
मिटा डाले !!
अब ज़हां है खाली नक्शों का, कोई
ख्वाब कहाँ अब बाकी है !!
हम जिनको अपनी नज़मो का, लफ्ज
बनाया करते थे !!
लफ्जों का बना कर ताजमहल, काग़ज़ पर
सजाया करते थे !!
वो हम को अकेला छोड़ गए, सब
रिश्तों से मुंह मोड़ गए !!
अब रास्ते सारे सूने हैं, वो प्यार
कहाँ अब बाकी है !!
अब क्या लिखें हम कागज़ पर, अब लिखने
को क्या बाकी
को क्या बाकी है !!
इक दिल था सो वो टूट गया, अब टूटने
को क्या बाकी है !!
इक शक्स को हम ने चाहा था, इक रेत पे
नक्शा बनाया था !!
वो रेत तो हवा बिखरे चुकी, वो नक्शा
कहाँ अब बाकी है !!
जो सपने हमने देखे थे काग़ज़ पर सारे
लिख डाले हैँ !!
वो सारे काग़ज़ फिर हम ने दरिया के
हवाले कर डाले है !!
वो सारे ख्वाब बहा डाले, वो सारे नक्श
मिटा डाले !!
अब ज़हां है खाली नक्शों का, कोई
ख्वाब कहाँ अब बाकी है !!
हम जिनको अपनी नज़मो का, लफ्ज
बनाया करते थे !!
लफ्जों का बना कर ताजमहल, काग़ज़ पर
सजाया करते थे !!
वो हम को अकेला छोड़ गए, सब
रिश्तों से मुंह मोड़ गए !!
अब रास्ते सारे सूने हैं, वो प्यार
कहाँ अब बाकी है !!
अब क्या लिखें हम कागज़ पर, अब लिखने
को क्या बाकी
सोमवार, 8 नवंबर 2010
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमनेँ।
दिपावली के पल इस तरह बिताया हमने।
दिपावली पर तुम से मिलने का मन बनाया हमने।
दीप जलाकर छत पर सजाने के बहाने।
तुम से अकेले मेँ मिलना चाहा हमने।
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमने।।
पर नही हो सकी तुम से मुलाकात अधूरी थी सब बात
इस बार भी किस्मत से धोखा खाया हमने।
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमने।
दुबारा मिलने की कौशिश बिजली के जलते बल्बो को ठीक करने के बहाने से की थी।
पर नजरे तुम्हे ढुढने मेँ लगी थी और हाथ छु गया नँगे तार ।
इस बार बिजली का तगडा झटका खाया हमने।
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमने।।
एस एम एस पैक काम नही करते त्यौहारो पर।
विस करना था तुमको जरुरी
इसलिए एस एम एस के भी पूरा चार्ज कटाया हमने।
दिपावली के पल इस तरह बिताये हमने
दिपावली पर तुम से मिलने का मन बनाया हमने।
दीप जलाकर छत पर सजाने के बहाने।
तुम से अकेले मेँ मिलना चाहा हमने।
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमने।।
पर नही हो सकी तुम से मुलाकात अधूरी थी सब बात
इस बार भी किस्मत से धोखा खाया हमने।
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमने।
दुबारा मिलने की कौशिश बिजली के जलते बल्बो को ठीक करने के बहाने से की थी।
पर नजरे तुम्हे ढुढने मेँ लगी थी और हाथ छु गया नँगे तार ।
इस बार बिजली का तगडा झटका खाया हमने।
दिपावली के पलो को इस तरह बिताया हमने।।
एस एम एस पैक काम नही करते त्यौहारो पर।
विस करना था तुमको जरुरी
इसलिए एस एम एस के भी पूरा चार्ज कटाया हमने।
दिपावली के पल इस तरह बिताये हमने
शनिवार, 30 अक्टूबर 2010
करवा चौथ के व्रत का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
प्रिय्
पाठको ,
जैसा कि आप सभी को मालूम
हैँ ,कि करवा चौथ के व्रत के साथ
ही भारतीय त्यौहारो का मौसम शुरु हो,
चुका है। परमपरा व धार्मिक
मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत
विवाहित महिलाए अपने
पति कि लम्बी आयु के लिए रखती हैँ
स्त्रिया इस कठोर व्रत
तथा पूजा को अपना पति धर्म
समझती हैँ। लेकिन इस व्रत के पीछे कई
मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभा व भी है।
जैसा कि जब पत्नि व्रत रखती है
तो पति को अपनी पत्नि के यह कठोर व्रत
( जिसमेँ पानी भी नहीँ पिया जाता)
रखने के कारण यह मानसिक आभास होता है
कि उसकी पत्नि कोई भी विपत्ति आने पर
उसकी ढाल बनकर रक्षा करेगी तथा बुरे
वक्त मेँ उसका साथ देगी। यह सब सोचने
के कारण पति के मन मेँ अपनी पत्नि के
प्रति सच्चा प्रेम व विश्वास जाग्रत
होता है। साथ ही पति का सच्चा प्यार
पाकर पत्नि का व्यहार कोमल
हो जाता है। वह पति तथा सास -ससुर
को आदर देती है। पूजा तथा व्रत
मनुष्य के आत्मविश्वाश
को बढा देता है। आत्मविश्वाश बढने से
कार्य क्षमता मेँ वृध्दि होती है।
प्यार और स्नेह बढने से परिवार मेँ
खुशहाली आती जिससे खुशहाल देश के
निमार्ण मेँ सहयोग मिलता हैँ। तो ऐसे
सिध्द होता हैँ ।इस कठोर व्रत
का वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक तथ्य
व प्रभाव। .........YASHPAL SINGH
ADVOCATE FROM - RAMPUR
MANIHARAN(SAHARANPUR) U.P.
Email:
yashpalsingh5555@gmail.com
मो 0 न0 9758087475
पाठको ,
जैसा कि आप सभी को मालूम
हैँ ,कि करवा चौथ के व्रत के साथ
ही भारतीय त्यौहारो का मौसम शुरु हो,
चुका है। परमपरा व धार्मिक
मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत
विवाहित महिलाए अपने
पति कि लम्बी आयु के लिए रखती हैँ
स्त्रिया इस कठोर व्रत
तथा पूजा को अपना पति धर्म
समझती हैँ। लेकिन इस व्रत के पीछे कई
मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभा व भी है।
जैसा कि जब पत्नि व्रत रखती है
तो पति को अपनी पत्नि के यह कठोर व्रत
( जिसमेँ पानी भी नहीँ पिया जाता)
रखने के कारण यह मानसिक आभास होता है
कि उसकी पत्नि कोई भी विपत्ति आने पर
उसकी ढाल बनकर रक्षा करेगी तथा बुरे
वक्त मेँ उसका साथ देगी। यह सब सोचने
के कारण पति के मन मेँ अपनी पत्नि के
प्रति सच्चा प्रेम व विश्वास जाग्रत
होता है। साथ ही पति का सच्चा प्यार
पाकर पत्नि का व्यहार कोमल
हो जाता है। वह पति तथा सास -ससुर
को आदर देती है। पूजा तथा व्रत
मनुष्य के आत्मविश्वाश
को बढा देता है। आत्मविश्वाश बढने से
कार्य क्षमता मेँ वृध्दि होती है।
प्यार और स्नेह बढने से परिवार मेँ
खुशहाली आती जिससे खुशहाल देश के
निमार्ण मेँ सहयोग मिलता हैँ। तो ऐसे
सिध्द होता हैँ ।इस कठोर व्रत
का वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक तथ्य
व प्रभाव। .........YASHPAL SINGH
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Email:
yashpalsingh5555@gmail.com
मो 0 न0 9758087475
शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2010
करवा चौथ के व्रत का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
प्रिय्
पाठको,
जैसा कि आप सभी को मालूम हैँ,कि करवा चौथ के व्रत के साथ ही भारतीय त्यौहारो का मौसम शुरु हो, चुका है। परमपरा व धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाए अपने पति कि लम्बी आयु के लिए रखती हैँ स्त्रिया इस कठोर व्रत तथा पूजा को अपना पति धर्म समझती हैँ। लेकिन इस व्रत के पीछे कई मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभा व भी है। जैसा कि जब पत्नि व्रत रखती है तो पति को अपनी पत्नि के यह कठोर व्रत(जिसमेँ पानी भी नहीँ पिया जाता) रखने के कारण यह मानसिक आभास होता है कि उसकी पत्नि कोई भी विपत्ति आने पर उसकी ढाल बनकर रक्षा करेगी तथा बुरे वक्त मेँ उसका साथ देगी। यह सब सोचने के कारण पति के मन मेँ अपनी पत्नि के प्रति सच्चा प्रेम व विश्वास जाग्रत होता है। साथ ही पति का सच्चा प्यार पाकर पत्नि का व्यहार कोमल हो जाता है। वह पति तथा सास-ससुर को आदर देती है। पूजा तथा व्रत मनुष्य के आत्मविश्वाश को बढा देता है। आत्मविश्वाश बढने से कार्य क्षमता मेँ वृध्दि होती है। प्यार और स्नेह बढने से परिवार मेँ खुशहाली आती जिससे खुशहाल देश के निमार्ण मेँ सहयोग मिलता हैँ। तो ऐसे सिध्द होता हैँ ।इस कठोर व्रत का वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभाव।.........YASHPAL SINGH ADVOCATE FROM - RAMPUR MANIHARAN(SAHARANPUR) U.P. Email: yashpalsingh5555@gmail.com मो0 न0 9758087475
पाठको,
जैसा कि आप सभी को मालूम हैँ,कि करवा चौथ के व्रत के साथ ही भारतीय त्यौहारो का मौसम शुरु हो, चुका है। परमपरा व धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाए अपने पति कि लम्बी आयु के लिए रखती हैँ स्त्रिया इस कठोर व्रत तथा पूजा को अपना पति धर्म समझती हैँ। लेकिन इस व्रत के पीछे कई मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभा व भी है। जैसा कि जब पत्नि व्रत रखती है तो पति को अपनी पत्नि के यह कठोर व्रत(जिसमेँ पानी भी नहीँ पिया जाता) रखने के कारण यह मानसिक आभास होता है कि उसकी पत्नि कोई भी विपत्ति आने पर उसकी ढाल बनकर रक्षा करेगी तथा बुरे वक्त मेँ उसका साथ देगी। यह सब सोचने के कारण पति के मन मेँ अपनी पत्नि के प्रति सच्चा प्रेम व विश्वास जाग्रत होता है। साथ ही पति का सच्चा प्यार पाकर पत्नि का व्यहार कोमल हो जाता है। वह पति तथा सास-ससुर को आदर देती है। पूजा तथा व्रत मनुष्य के आत्मविश्वाश को बढा देता है। आत्मविश्वाश बढने से कार्य क्षमता मेँ वृध्दि होती है। प्यार और स्नेह बढने से परिवार मेँ खुशहाली आती जिससे खुशहाल देश के निमार्ण मेँ सहयोग मिलता हैँ। तो ऐसे सिध्द होता हैँ ।इस कठोर व्रत का वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक तथ्य व प्रभाव।.........YASHPAL SINGH ADVOCATE FROM - RAMPUR MANIHARAN(SAHARANPUR) U.P. Email: yashpalsingh5555@gmail.com मो0 न0 9758087475
मंगलवार, 26 अक्टूबर 2010
U.P. मेँ हो हुए जिला पँचायत सदस्य, बी0डी0सी0 व ग्राम प्रधान पद के लिए आपके द्वारा चुना गया प्रत्याशी कैसा होना चाहिए था
ईमानदार व शिक्षित हो।
और हो वह सदाचारी ।
पद की निभा सके जो जिम्मेदारी।
पुरुष हो चाहे हो नारी ।।
वह हो अल्पाहारी अर्थात
वह कम हो भ्रष्टाचारी ।
जनता का वह सेवक हो ।
दुखियो का वह हो हितैषी।
जाग्रत हो , विकास पुरुष हो
सबका मान रखने वाला हो
बुर्जुगो की करता हो सेवा ।
जो विकास कार्यो के रुपयो को
ना समझे अपने बाप का।
और अधिकारियो से काम ,
निकलवा सके आपका ।
बस ऐसे ही प्रत्याशी को।
आप अपना कीमती मत देना ।
और इस चुनाव मेँ उसका ,
विजय प्रचम लहरा देना ।
................YASHPAL SINGH ADVOCATE
RAMPUR MANIHARAN (DUGCHARA)
SAHARANPUR
U.P. INDIA
Email:
yashpaladvocate5555@gmail.com
और हो वह सदाचारी ।
पद की निभा सके जो जिम्मेदारी।
पुरुष हो चाहे हो नारी ।।
वह हो अल्पाहारी अर्थात
वह कम हो भ्रष्टाचारी ।
जनता का वह सेवक हो ।
दुखियो का वह हो हितैषी।
जाग्रत हो , विकास पुरुष हो
सबका मान रखने वाला हो
बुर्जुगो की करता हो सेवा ।
जो विकास कार्यो के रुपयो को
ना समझे अपने बाप का।
और अधिकारियो से काम ,
निकलवा सके आपका ।
बस ऐसे ही प्रत्याशी को।
आप अपना कीमती मत देना ।
और इस चुनाव मेँ उसका ,
विजय प्रचम लहरा देना ।
................YASHPAL SINGH ADVOCATE
RAMPUR MANIHARAN (DUGCHARA)
SAHARANPUR
U.P. INDIA
Email:
yashpaladvocate5555@gmail.com
रविवार, 17 अक्टूबर 2010
बुराई पर अच्छाई की विजय दशहरा
प्रिय,
पठको जैसा कि आप सभी को मालूम है, कि दशहरे का त्यौहार बुराई पर अच्छाई कि विजय का प्रतीक है। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का अन्त किया था । रावण दहन के साथ ही बुराईयो तथा अँहकार का अन्त हो जाता है।
आज के दिन हमेँ भी यह शपथ लेनी चाहिए कि हम अपने मन से अँहकार तथा बुराईयो को त्याग देँ। तथा एक ऐसे नये सुखद व आशावादी जीवन कि सुरुआत करेँ, जो दया, अहिँसा, करुणा तथा सत्य व परोकार से परिपुर्ण हो।
पठको जैसा कि आप सभी को मालूम है, कि दशहरे का त्यौहार बुराई पर अच्छाई कि विजय का प्रतीक है। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का अन्त किया था । रावण दहन के साथ ही बुराईयो तथा अँहकार का अन्त हो जाता है।
आज के दिन हमेँ भी यह शपथ लेनी चाहिए कि हम अपने मन से अँहकार तथा बुराईयो को त्याग देँ। तथा एक ऐसे नये सुखद व आशावादी जीवन कि सुरुआत करेँ, जो दया, अहिँसा, करुणा तथा सत्य व परोकार से परिपुर्ण हो।
रविवार, 3 अक्टूबर 2010
शान्ति वयव्स्था बनाये रखने के लिए धन्यवाद
प्रिय,
साथियो आप सभी हिन्दु-मुस्लिम भाईयो ने अयोध्या मामले पर मान्य हाईर्कोट के फैसले का आदर कर उसे मन से स्वीकार कर देश मे शान्ति वयव्स्था बनाये रखी। इसलिए आप धन्यवाद के पात्र हैँ। और मुझे पूर्ण विश्वाश हैँ कि आप जरुरत पडने पर भविष्य मेँ भी देश के विकास मेँ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते रहेगे.........YASHPAL SINGH ADVOCATE RAMPUR MANIHARAN
साथियो आप सभी हिन्दु-मुस्लिम भाईयो ने अयोध्या मामले पर मान्य हाईर्कोट के फैसले का आदर कर उसे मन से स्वीकार कर देश मे शान्ति वयव्स्था बनाये रखी। इसलिए आप धन्यवाद के पात्र हैँ। और मुझे पूर्ण विश्वाश हैँ कि आप जरुरत पडने पर भविष्य मेँ भी देश के विकास मेँ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते रहेगे.........YASHPAL SINGH ADVOCATE RAMPUR MANIHARAN
शुक्रवार, 24 सितंबर 2010
यशपाल सिँह एडवोकेट की मतदाताओ से अपील
प्रिय,
मतदाताओ आप सभी को जानकारी है कि उ0प्र0 मेँ ग्राम पँचायत, क्षेत्र पँचायत(बी0डी0सी0)तथा जिला पँचायत की प्रकिया शुरु हो चुकी हैँ । मेरी आप सभी से अपील है कि आप अपने मत का प्रयोग सोच_ समझकर ईमानदार, समाज सेवी प्रत्याशी के लिए करेँ.......YASHPAL SINGH ADVOCATE RAMPUR MANIHARAN- DUGCHARA , SAHARANPUR U.P. INDIA
मतदाताओ आप सभी को जानकारी है कि उ0प्र0 मेँ ग्राम पँचायत, क्षेत्र पँचायत(बी0डी0सी0)तथा जिला पँचायत की प्रकिया शुरु हो चुकी हैँ । मेरी आप सभी से अपील है कि आप अपने मत का प्रयोग सोच_ समझकर ईमानदार, समाज सेवी प्रत्याशी के लिए करेँ.......YASHPAL SINGH ADVOCATE RAMPUR MANIHARAN- DUGCHARA , SAHARANPUR U.P. INDIA
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