समझते है वो के
पत्थर है हम।
उनको ठोकर मार जायेगे हम।
वो एक बार कह दे नफरत है हम से,
खुदा कसम पत्थर तो क्या फूल बनकर,
भी राह में नहीं आयेगे हम।
ज़िन्दगी में बहुत बार वक़्त
ऐसा आयेगा जब
तुमको चाहने वाला ही तुमको रुलाएगा
पर विश्वाश रखना उस पर
अकेले में वो तुमसे कही
ज्यादा आंसू
बहाएगा ...
ना पूछ के मेरे सबर की इन्तहा कहा तक
है।
तू सितम करके देख तेरी ताकत जहा तक है
वफ़ा की उम्मीद उन्हें होगी पर
मुझे देखना है के तू बेवफा कहा तक
है ..
कुछ लोग सितम करने को तैयार बैठे है।
कुछ लोग हम पैर दिल हार बैठे है।
इश्क को आग का दरिया ही समझ लीजिये।
कुछ इस पर कुछ उस पर बैठे है ..
वो हम को पत्थर और खुद को फूल कह कर
मुस्कुराया करते है।
उन्हें क्या पता पत्थर तो पत्थर
ही रहते है फूल ही मुरझाया करते है ..
कुछ खोने का गम ही डर की वजह बनता है।
इसलिए आओ तमाम
गमो को अपनी खुशियों मे बदले
और साबित कर दे की
डर के आगे जीत है ..
बिता लेंगे तेरे इंतजार मे ज़िन्दगी
तू एक बार आने का वादा तो कर
हम बना लेंगे अपने हाथो से कबर अपनी
तू चिराग जलाने
का वादा तो कर नवम्बर 2
इसलिए आओ तमाम
जवाब देंहटाएंगमो को अपनी खुशियों मे बदले
और साबित कर दे की
डर के आगे जीत है ..
वाकई डर के आगे जीत है